अनुपम देश हमारा

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देखा है सारा संसार मैंने, न देखा ऐसा स्वर्ग  कहीं,
लूं दूसरा जन्म अगर, तो  मिले भारत  में  ही  कहीं,
हिंदु-मुस्लिम-सिख-ईसाई  सर्व  धर्म हैं  भाई-भाई,
सब धर्मो से परे होकर मानवता ही सबने अपनाई,
यहां की खुबसूरती और देश प्रेम की मिसाल यारों,
संपूर्ण विश्व में अपनी ऐसी अमूल्य  पहचान  यारों,
अपनी संस्कृति और अद्भुत सभ्यता की भारत  ने,
संपूर्ण विश्व को नई आशा संग की यूं राह  दिखाई!
🖋️सूर्य प्रताप राव रेपल्ली🙏

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