हम करें तो क्या करें…

Spread the love

खत उसने  तो प्यार की लिख भेजा है मुझे प्रताप
शर्त इस बात की,यूं दिलों के राज़ साझा न हम करें,

दिल उसका भी चाहता मिलना, है उसे भी एहसास,
शर्त सांझ ढले,चांद छत तक आए,हम इंतज़ार करें!

वो आएगी जरुर आएगी एहसास मुझे भी  प्रताप,
पर ये ख़बर न थी पूरी रात हम उसका इन्तज़ार करें!

यूं वो भी जीवन भर साथ निभाने को वादा कर रही,
इस ज़माने के रस्मों रिवाजों से हैं बंधे हम क्या करें!

बेबस है, प्यार हम दोनों का इस ज़माने से  प्रताप,
चाहकर भी हम यूं जीवन में एक दूजे के न हो सके!

ये प्यार भरी जीवन है, पल दो पल ही मेरी – उसकी,
अब तो बस बता दो  प्रताप, हम करें तो क्या करें!
हम करें तो क्या करें….


🖋️सूर्य प्रताप राव रेपल्ली 🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights