वो ढूंढ रहे थे माचिस बस आग लगाने के लिए यारों,है उन्हें क्या ख़बर वो जो थे…
Author: Surya Pratap Rao Repalli
ये पल यूं ही गुज़र जायेंगें
मेरे जीवन के ये पल,दो पल यूं ही गुज़र जायेंगे, तेरी यादों,तेरे किए वादों से ये…
वो कोई अनजाना तो नहीं है. ..
अब तेरी नफ़रत से कोई रिश्ता मुझे नहीं निभाना है,तेरी नफ़रत भी कुछ ऐसी के तेरी नफ़रत…