आजकल की शादी – है सरकार के नोटों की तरह

आजकल की शादियां, यूं हो गई फास्ट फूड की दुकान,ठेले जैसी निभाते रिश्ते, आज ये तो…

ये मुमकिन नहीं है

चाहता हूं उसे दिल  से  मै प्रताप यूं  उसे भूल  जाऊं,ये मुमकिन नहीं है,खत प्यार का…

झड़ते हुए पत्तों की सीख

पतझड़ में पत्तों की दास्तान भी अजीब सी है  देखी,जब तक थे हरे, साख ने भी…

वो जो थे यूं मुस्कुराये आग लग गई

वो  ढूंढ रहे थे माचिस बस आग लगाने के  लिए यारों,है उन्हें क्या ख़बर वो जो थे…

ये पल यूं ही गुज़र जायेंगें

मेरे जीवन के ये पल,दो पल यूं  ही गुज़र जायेंगे,  तेरी यादों,तेरे किए वादों से ये…

वो कोई अनजाना तो नहीं है. ..

अब तेरी नफ़रत से कोई रिश्ता मुझे नहीं निभाना है,तेरी नफ़रत भी कुछ ऐसी के तेरी नफ़रत…

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