झड़ते हुए पत्तों की सीख

पतझड़ में पत्तों की दास्तान भी अजीब सी है  देखी,जब तक थे हरे, साख ने भी…

वो जो थे यूं मुस्कुराये आग लग गई

वो  ढूंढ रहे थे माचिस बस आग लगाने के  लिए यारों,है उन्हें क्या ख़बर वो जो थे…

ये पल यूं ही गुज़र जायेंगें

मेरे जीवन के ये पल,दो पल यूं  ही गुज़र जायेंगे,  तेरी यादों,तेरे किए वादों से ये…

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