ये मुमकिन नहीं है

चाहता हूं उसे दिल  से  मै प्रताप यूं  उसे भूल  जाऊं,ये मुमकिन नहीं है,खत प्यार का…

वो जो थे यूं मुस्कुराये आग लग गई

वो  ढूंढ रहे थे माचिस बस आग लगाने के  लिए यारों,है उन्हें क्या ख़बर वो जो थे…

दो अनजाने

कौन चाहता किसी से,दिल अपना लगाना कभी, नजरें कभी किसी से मिली, दिल मिल गए तभी,…

और क्या रह गया बाकी …

छू लिया जो तूने दिल को,और क्या रह गया बाकी  है,दिल पर मेरे राज कर रही,और क्या…

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