पतझड़ में पत्तों की दास्तान भी अजीब सी है देखी,जब तक थे हरे, साख ने भी…
Tag: रिश्ता
वो कोई अनजाना तो नहीं है. ..
अब तेरी नफ़रत से कोई रिश्ता मुझे नहीं निभाना है,तेरी नफ़रत भी कुछ ऐसी के तेरी नफ़रत…
अब तेरी नफ़रत से कोई रिश्ता मुझे नहीं निभाना है,तेरी नफ़रत भी कुछ ऐसी के तेरी नफ़रत…